कवि,कलाकार हमारी लोक परम्परा और लोकसंस्कृति के संवाहक: डॉ.पाण्डेय

कवि,कलाकार हमारी लोक परम्परा और लोकसंस्कृति के संवाहक: डॉ.पाण्डेय

लोकरंग होली मिलन समारोह में लोक कलाकारों ने फागुनी गीतों से बांधी समा:

बेटवा बउराय,रार बाप से ठाने…..

करछना, प्रयागराज। लोक कलाकार और कवि हमारी लोक परंपरा और लोक संस्कृति के संवाहक हैं।होली जैसे रंग पर्व पर अपने अतीत के फागुनी गीतों को मंचों पर संजो रहे कलाकार समाज को आपसी सद्भाव, प्रेम, एकता का संदेश दे रहे हैं जो बहुत ही सराहनीय है। क्षेत्र के रामपुर स्थित लोकमंगल संस्थान में जमुनापार जागृति मिशन द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह लोकरंग में यह बातें संस्थान के निदेशक और जागृति मिशन के संयोजक डॉ.भगवत पांडेय ने कही। इस दौरान मंच पर पहुंचे जमुनापार के लोक कलाकारों और कवियों ने अपनी प्रस्तुतियों से खूब समां बांधी। कार्यक्रम के पूर्व वरिष्ठ लोक कलाकार श्यामलाल बेगाना,बचऊ लाल यादव और अवधी के कवि लालजी देहाती को संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया।आकाशवाणी के कलाकार दीपेश कुमार ने बेलवरिया गीत-बेटवा बौराय,रार बाप से ठाने,पर खूब तालियां बटोरी। मोहिनी श्रीवास्तव का गीत अउरी महिनवा में बरसे ना बरसे, फगुनवा में रंग रसे रसे बरसे की प्रस्तुति पर श्रोता झूम उठे। रामबाबू यादव के उलारा गीतऔर पंचम लाल यादव के फगुआ ने भी खूब वाहवाही लूटी। कुंवर सिंह, सत्यवान, पन्नालाल यादव, नेब्बू लाल,मोनू मस्ताना, बृजभान यादव, बबलू दीवाना और कृष्ण कुमार सत्यार्थी द्वारा प्रस्तुत धमार, बारहमासा, नारदी, चाचर,
डेढ़ताल और चैता जैसे गीतों ने लोकरंग को गुलज़ार कर दिया। रावेन्द्र शुक्ला के बनारसी उलारा गीत- न जाय देव तोहका, बिना रंग डारे,पर सभी झूम उठे। बृजेश तिवारी, दुखीराम गुप्ता, दीपू प्रजापति, कृष्ण कुमार सत्यार्थी और कौशल्या देवी के गीत भी खूब सराहे गए। कवियों की प्रस्तुतियों में, जितेंद्र जलज, मुवश्शिरर फूलपुरी, धनंजय साश्वत, संजय पांडे सरस,सबरेज अहमद, वीरेंद्र कुसुमाकर की कविताओं ने रंग पर्व पर सामाजिक समरसता के संदेश दिए। वरिष्ठ कवि रामलोचन सांवरिया कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम का संचालन इंद्रजीत यादव और राजेंद्र शुक्ल ने किया। इस मौके पर प्रमुख करछना कमलेश द्विवेदी त्रिवेणी प्रसाद पांडेय, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश शुक्ला, विनोद प्रजापति, ग्यानेश्वर शुक्ल, रामभवन द्विवेदी, राजकुमार मिश्र, अलख नारायण शुक्ला, मनीष तिवारी,संजीव तिवारी, वेद श्रीवास्तव, योगेंद्र शुक्ला, मोहनजी पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार गजेन्द्र प्रताप सिंह, विजय पाल, कमला शंकर तिवारी, गोरेलाल, बृजेश द्विवेदी, बुद्धेश्वरानंद, रणजीत बाबू नंदन, रमाशंकर विश्वकर्मा, मानेन्दर शुक्ला समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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