दस भाषणों को सुनने से ज्यादा प्रभावशाली होता है एक नाटक देखना: डा. अम्बेडकर
प्रयागराज 14 दिसम्बर, अंग प्रदेश का भागलपुर जिला पुराने समय से ही सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों का केन्द्र रहा है। इस परंपरा को जारी रखते हुए रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर द्वारा 2012 में भागलपुर रंग महोत्सव की शुरुआत की गई। कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 एवं 2021 में यह आयोजन स्थगित रहा। पुनः इस वर्ष 17 से 19 दिसम्बर 2022 को भागलपुर की प्रमुख सांस्कृतिक स्थली भागलपुर कला केन्द्र में 9 वें भागलपुर रंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
अपसंस्कृति के खिलाफ रंगकर्म, लोक कला एवं राष्ट्रीय एकता को समर्पित इस महोत्सव में दस राज्यों के नाट्य व नृत्य दलों द्वारा बहुभाषीय लघु नाट्य, नुक्कड़ नाटक, लोक नृत्य शास्त्रीय नृत्य एवं रंग जुलूस की प्रस्तुति तय है।
भागलपुर रंग महोत्सव में धम्म धूषण की नगरी वत्स मध्यकालीन इलाहाबाद व वर्तमान में प्रयागराज से बहुजन साहित्य कला और संस्कृति के साथ साथ रंगमंच के विकास संरक्षण सम्बर्धन और पुनर्स्थापत्य की दिशा में कार्य कर रही एकमात्र संस्था प्रबुद्ध फाउंडेशन के प्रबन्धक/सचिव उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रंगकर्मी रंग निर्देशक आईपी रामबृज की आत्मकथा पर आधारित व निर्देशन में नाटक “बेटी” का चयन हुआ है जिसका मंचन भागलपुर रंग महोत्सव के समापन पर दिनांक 19 दिसम्बर को शाम 6 बजे भागलपुर कला केन्द्र के प्रेक्षागृह होगा। भागलपुर में प्रस्तुति से पूर्व प्रीतम नगर स्थित सन्त गाडगे भवन में शाम 6 बजे आईपी रामबृज के निर्देशन में नाटक “बेटी” का मंचन किया जाएगा।
पूछने पर आईपी रामबृज ने बताया कि नाटक बेटी के माध्यम से प्राचीन भारतीय सभ्यता-संस्कृति को पुनर्स्थापना की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।