बहुजन बाहुल्य बस्तियों में “प्रबुद्ध पाठशाला” खोले जाने की चर्चा जोरों पर
“प्रबुद्ध पाठशाला” खोले जाने का बुद्धिजीवियो ने किया स्वागत
प्रयागराज 12 फरवरी, बहुजन समाज के पांच से पन्द्रह आयु वर्ग के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के साथ बहुजन रंगमंच के पुनर्स्थापत्य और बहुजन समाज के उच्च प्राथमिक स्तर तक के बच्चों के शैक्षिक विकास के लिये प्रतिबद्ध प्रबुद्ध फाउंडेशन द्वारा यमुनापार की तहसील बारा के अंतर्गत स्थित थाना बारा की ग्रामसभा छिड़िया में ‘प्रबुद्ध पाठशाला’ खोला गया। प्रबुद्ध पाठशाला में लगभग सैकड़ों बच्चे उपस्थित रहे जिनकी अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय मे मजबूती प्रदान कर उन्हें कुशाग्र बनाने के लिये पाठशाला के संयोजक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने बहुजन समाज के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों से प्रत्येक रविवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्न 04 बजे तक क्लास लेने का आह्वान किया है।
प्रबुद्ध पाठशाला के संयोजक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रंगकर्मी रंग निर्देशक आईपी रामबृज ने बताया कि भारतीय लोकतंत्र में देश और प्रदेश की सत्ता पर काबिज होती रही चली आ रही सत्ताधारी पार्टियां क्या ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छी चिकित्सा और सम्मानजनक रोजगार दे पाने में असफल रही है। आज देश की वर्तमान सरकार सरकारी सिस्टम को खत्मकर सरकारी संस्थानो को निजी हाथों में बेचकर देश को निजीकरण के दलदल में डुबोना यानि देश को अप्रत्यक्ष रूप से ग़ुलाम बनाने की प्रक्रिया में लगी है।
आईपी रामबृज ने पूछे जाने पर बताया कि भारत जिसे कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। जिस देश मे दूध की गंगा बहती थी क्या उस सम्मान को वर्तमान सरकार पुनः वापस दिला पाएंगे ? प्रबुद्ध पाठशाला अपनी शिक्षा के माध्यम से बहुजन बाहुल्य बस्तियों के बच्चों को कुशाग्र बनाने की प्रक्रिया में लगा है जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है। एक सप्ताह के अन्दर यमुनापार की दौना, पचखरा, इसौटा और सोमवार को छिड़िया जैसे बहुजन बाहुल्य बस्तियों में प्रबुद्ध पाठशाला खोली गयी। छिड़िया ग्रामसभा में प्रबुद्ध पाठशाला गांव के ही स्नातक शिक्षा प्राप्त अनूपा और अनुज तथा अमितेश की देखरेख में संचालित की जाएगी। बच्चों को कुशाग्र बनाकर भारत की खोई हुई विरासत को पुनः वापस दिलाने के साथ साथ देश की अमीरी गरीबी की खाई को समाप्त कर समतावादी प्रबुद्ध भारत राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया के लिये संकल्पबद्ध है।
रामबाबू गौतम, महेश कुमार, चौधरी, धनीराम, राजमणि, सुनील, अशोक कुमार, लालाराम, देवरती, मंजू, पुष्पा, रामकली, रंजीता, रानी देवी, रेखा, सुनीता, राजकुमारी, पुष्पा राय, विजय लक्ष्मी के साथ सैकड़ो बच्चे उपस्थित रहे।