इण्टरनेशनल स्टूडेंट्स डे पर विद्यालय में हुआ भव्य भंडारे का आयोजन
लालापुर – प्रयागराज : क्षेत्र में मां मसुरियन माई के आंचल पर स्थित मां शिवकुमारी शुक्ला इण्टरमीडिएट कॉलेज भटपुरा लालापुर में अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस विद्यालय प्रांगण में बड़े धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रबन्धक विवेक शुक्ला उर्फ लाला शुक्ला एडवोकेट ने किया ,कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य नागेश कुमार शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र पाण्डेय व संजय धर द्विवेदी विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार मंगला प्रसाद तिवारी, कृष्णचंद्र शुक्ला, मयंक शुक्ल आलोक शुक्ला रहे।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबन्धक लाला शुक्ला (एडवोकेट ), प्रधानाचार्य नागेश शुक्ला, सुमेश शुक्ला प्रभारी, कोआर्डिनेटर सीलू चतुर्वेदी, महेन्द्र विक्रम चन्द, चंद्रशेखर यादव, राम सनेही सिंह चौहान, सुग्गन लाल द्विवेदी, विनय तिवारी, प्रमोद वर्मा, मनोज कुमार, सानू शुक्ला, अरूण पाण्डेय, लकी पाण्डेय समेत सभी शिक्षक एवं विशाल मिश्रा, बलराम शुक्ला, शिवानन्द शुक्ला एडवोकेट, हरीकांत शुक्ला,दुर्गेश शुक्ला, सुभाष उपाध्याय, हिमांशु त्रिपाठी, अंशु द्विवेदी व सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।
उपस्थित सभी आगंतुकों व बच्चों ने भंडारे में भैरो बाबा का प्रसाद प्रेमपूर्वक ग्रहण किया ।।।
विद्यालय के प्रबन्धक लाला शुक्ला एडवोकेट ने बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस है।
17 नवंबर को हर साल विश्व अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के तौर पर मनाता है। कई देशों में इस दिन को छात्रों के साथ ही शिक्षक भी उत्साह से मनाते हैं। छात्र और शिक्षक के बीच का रिश्ता आदिकाल से ही माता-पिता के रिश्ते से भी बढ़कर माना जाता है। विश्वामित्र और द्रोणाचार्य जैसे गुरु हुए तो एकलव्य और अर्जुन जैसे छात्र भी हुए। लेकिन आज के जमाने में ऐसे गुरु छात्रों का मिलना मुश्किल होता है। एक आदर्श छात्र बनाने के लिए गुरु यानी शिक्षकों को ही प्रयास करना पड़ता है। इंटरनेशनल स्टूडेंट्स डे दुनिया भर के स्टूडेंट्स के बीच बहुसंस्कृतिवाद, विविधता और सपोर्ट का उत्सव है।
आज अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस चेक रिपब्लिक देश की राजधानी प्राग के उन हज़ारों विद्यार्थियों की बहादुरी की याद में मनाया जाता है जो सन 1939 में उच्च शिक्षा के अधिकार के लिए नाज़ी सेना के खिलाफ चले गए थे। उस समय चेक रिपब्लिक(चेकोस्लोवाकिया) के कुछ हिस्सों पर नाजियों का राज था. उस समय प्राग के स्टूडेंट्स और वहां के अध्यापकों ने नाजियों के खिलाफ एक प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान नाजियों द्वारा चलाई गोलियों में एक स्टूडेंट की मृत्यु हो गयी. इसके बाद भी यह प्रदर्शन जारी रहा. 17 नवंबर, 1939 के दिन नाजी सैनिकों ने लगभग बारह सौ स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया था. जिनमें से नौ छात्रों को फांसी दे दी गयी थी. इसके बाद वहां के सभी शिक्षण संस्थानों को भी बंद कर दिया था. उन छात्रों की बहादुरी को याद रखने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है.