श्री राम कथा — मां कल्याणी देवी मंदिर — नवरात्रि के पावन पर्व पर
श्री राम चरित्र मानस राम जी का साक्षात विग्रह है — व्यास अनिरुद्ध जी
प्रयागराज 23 मार्च। श्री नव संवत्सर मानस समिति मां कल्याणी देवी मंदिर प्रयागराज द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा में बोलते हुए प्रखर राष्ट्र चिंतक डॉ अनिरुद्ध महाराज श्री धाम वृंदावन व्यास जी ने बताया कि मानस भगवान श्री राम का साक्षात विग्रह हैं। रामजी ने अपना संपूर्ण तेज मानस में समाहित कर दिया। रामचरित मानस को भी रामायण कहते हैं। इसीलिए आरती में लिखा है — आरती श्री रामायण जी की कीरती कलित ललित सिय पी की। भविष्य पुराण के आधार पर बताया कि शंकर जी ने स्वयं कहां है कि कलियुग में बाल्मीकि जी ही गोस्वामी तुलसीदास के रूप में अवतरित होंगे। पूज्य व्यास जी ने बताया कि बालकांड श्री राम के जन्म से विवाह तक की कथा है तथा अयोध्या कांड में राज्य की कथा है। अरण्य कांड में श्रृंगार रस, वीमत्स रस, रौद्र रस, अदभुत रस, मयानक रस, वीमत्स एवं शांत रस आदि कथा प्रसंगों में मिलते हैं। इस तरह सभी सात कांडों की लक्षण– महिमा मानस के प्रथम श्लोक वर्णनाम अर्थसंधानाम, रसानाम छंद राम अपि में ही बता दिया है। श्री व्यास जी ने बताया कि गुरु का नाम लेना वर्जित है। भारत में धरती को माता का गौरव प्राप्त है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने 9 दोहा एवं 24 चौपाइयों में चारों भाइयों की वंदना की है।
श्री राम कथा के प्रारंभ में मां कल्याणी देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं श्री नव संवत्सर मानस समिति के संयोजक पंडित सुशील कुमार पाठक ने भगवान श्री राम दरबार एवं महामंत्री सुबोध खन्ना तथा कृष्ण कुमार पाठक ने श्री मानस ग्रंथ पूज्य व्यास जी की पूजा आरती किया।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरी नवरात्रि बेला में सांय 7:15 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक 30 मार्च तक श्री राम कथा, प्रतिदिन प्रातः 8:00 से 11:00 बजे तथा सांय 4:00 से 6:30 बजे तक शतचंडी महायज्ञ, प्रातः 5:00 से अपरान्ह 1:00 बजे तक मां कल्याणी का पूजन तथा सांय 6:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक माता कल्याणी देवी का नित्य नूतन श्रृंगार व झांकी दर्शन का आयोजन होता रहेगा। श्री नव संवत्सर मानस समिति के प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन (सरकार द्वारा) आजादी का अमृत महोत्सव — अमृत काल के अंतर्गत मां कल्याणी देवी मंदिर में प्रतिदिन प्रातः 9:00 बजे से 11:00 तक संस्कृतिक साहित्य कार्यक्रम के साथ दुर्गा सप्तशती देवी गीत माता की झांकियां व देव गीत आदि का भी आयोजन किया गया है।