मेला के समापन पर कैंडिल मार्च व सांस्कृतिक कार्यक्रम
प्रयागराज 21 नवम्बर, संविधान के अनुच्छेद-17 अस्पृश्यता व छूआछूत मुक्त भारत देश बनाने, संविधान के अनुच्छेद-15 जातिविहीन भारत देश का निर्माण करने व संविधान के अनुच्छेद 39 (ख) जमीन और उद्योगों के राष्ट्रीयकरण के साथ साथ संविधान के अनुच्छेद-13 रूढ़िवादी प्रथा को समाप्त करते हुये वैज्ञानिक सोच पर आधारित समाज निर्माण करने हेतु एक ओर जहां संविधान दिवस (26 नवम्बर 1949) की 73 वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर हाईकोर्ट स्थित डा. अम्बेडकर मूर्ति स्थल पर दिनांक 26 नवम्बर 2022 को पूर्वाह्न 11 बजे से संविधान मेला व संविधान महोत्सव-2022 का आयोजन डा. अम्बेडकर क्लब, डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा), देवपती मेमोरियल ट्रस्ट और प्रबुद्ध फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर संविधान दिवस के सम्मान में हाईकोर्ट स्थित डॉ. अम्बेडकर मूर्ति स्थल से पत्थर चर्च गिरजाघर, सुभाष चौराहा, पीडी टण्डन पार्क से अपने उद्गम स्थल तक शांतिपूर्ण ढंग से कैंडिल मार्च का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा) के अध्यक्ष उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने बताया कि पच्चासी प्रतिशत बहुजन समाज जब तक अपने अधिकारों का उपयोग संगठित होकर सत्ता हासिल करने के लिए नहीं करेगा तब तक अप्रत्यक्ष रूप से अंधविश्वास, पाखण्ड और कुरीतियों के मकड़जाल रूपी गुलामी की व्यवस्था से बाहर नहीं निकल पायेगा। इसलिए बहुजन समाज को अंधविश्वास, पाखण्ड और कुरीतियो से मुक्त कराने और सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष करना होगा और इस हेतु संविधान मेला में परिवर्तनकारी नाटक बेटी, नशामुक्ति, पाखण्ड का मंचन भी किया जाएगा।