केन्द्रीय बजट 2023-24 मोदी सरकार का नौवाँ तथा अमृत काल का पहला आम बजट है। यह बजट सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है।
इस बजट में ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, ढांचागत विकास (Infrastructure Development), डीजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, पूर्वोत्तर तथा पहाड़ी क्षेत्र सहित सामाजिक विकास के लिए समायोजित बजट है। यह देश को ‘इज़ ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा देने वाला बजट है। यह बजट देश को विकास की राह पर ‘सुपर इकॉनॉमी’ बनाने वाला बजट है। बजट 2023-24 एक सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी तथा जन-जन के साथ हर क्षेत्र के सर्वोंगीण विकास की ओर अग्रसर करने वाला बजट है।
हम माननीय प्रधानमंत्री जी और वित्त मंत्री जी को उनकी दूरदर्शिता एवं स्पष्टता के लिए बधाई देते हैं।
इस बजट के तीन मूल एजेण्डा है।
नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना।
विकास और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना तथा
व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना।
इस हेतु सप्तऋषि प्राथमिकतायें हैं :-
यह सात प्राथमिकतायें समावेशी विकास, Last Mile Delivery, बुनियादी ढाँचा मजबूत करना, Green Gas, युवा शक्ति, आर्थिक समावेश (Financial Inclusion) तथा समता को उजागर करना है।
स्पष्ट है कि बजट का एजेण्डा केवल विकास नहीं वरन अगले 25-50 वर्षों में अर्थव्यवस्था के बुनियाद की रूपरेखा है, ताकि 100 साल पूर्ण होने पर भारत विश्व की श्रेष्ठ आर्थिक व्यवस्था प्राप्त करने का गौरव प्राप्त कर सके।
संयुक्त राष्ट्र संघ सहित विश्व की अनेक आर्थिक संस्थाओं और विशेषज्ञों द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था तथा उसके विकास के प्रति असीम संभावनायें एवं विश्वास व्यक्त किया है। चंद घण्टों पूर्व विश्व मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टिआना जॉर्ज जीवा ने टिप्पणी की है कि भारत का ‘फोक्स’ पूंजी व्यय तथा करों में सुधारने भारत को एक Bright Spot (उज्ज्वल बिन्दु) बनने में मदद की है।
इसी प्रकार Stern School of Business के आर्थिक व अन्तराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर न्यूरिल रोबिन्स ने कहा कि Medium Long Term अर्थव्यवस्थाओं में भारत विश्व का सबसे महत्वपूर्ण देश बनने जा रहा है।
ढाचागत विकास :-
ढाचागत विकास को आर्थिक विकास का आधार मानते हुए सरकार द्वारा जहां 2019-20 में पूंजीगत व्यय 3.4 लाख करोड़ था वहीं उसे बढाकर 10 लाख करोड़ कर दिया गया है। वास्तविक व्यय 13 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है।
कैपेक्स में पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत वृद्धि की गई है, रेलवे में पिछले वर्ष की तुलना में 75 प्रतिशत वृद्धि की गई है और 2013-14 की तुलना में 9 गुणा वृद्धि की गई है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस में 58 प्रतिशत तथा राज्य कैपेक्स के लिए राज्यों को अन्तरण में 30 प्रतिशत की वृद्धि है। यातायात के क्षेत्र में 100 महत्वपूर्ण जैसे स्थलीय, जलीय व हवाई सुविधाओं को बढाया जाएगा जो ‘लास्ट माइल कनेक्टविटी’ के लिए अतिआवश्यक है जिनके लिए 75 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं ताकि कोयला, स्टील, रसायन एवं अनाज के ट्रांसपोर्ट को तेज किया जा सके।
समावेशी विकास
अन्नदाता के लिए पहल :-
पूर्व के सभी बजटों में कृषि उत्पादन एवं आय को बढाने के लिए लगातार प्रावधान किए जाते रहे हैं इसी क्रम में बजट 2023-24 में कृषि में आधुनिकीकरण एवं डीजीटाइजेशन को प्रोत्साहन दिया गया है। कृषि ऋण के लक्ष्य को 16 लाख करोड़ से बढाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। ग्रामीण युवा उ़द्यमियों को स्टार्टअप प्रारम्भ करने के लिए ‘कृषि वर्द्धक निधि’ आसानी से उपलब्ध कराई जाएगी। आज का युवा कम्प्यूटर प्रेमी है इसे सस्ती तकनीक, सरल वेब प्लेटफार्म द्वारा कृषि बाजार के लिए तैयार करने का प्रयास किया जाएगा इसके लिए बजट में आईआईएमआर, हैदराबाद में अनुसंधान प्रारम्भ किया जाएगा। डीजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग, कृषि में सार्वजनिक-निजी भागीदारी, भण्डारण, रोगमुक्त रोपण सामग्री को बढावा दिया गया है जिससे किसान उपज और आय दोनों बढा सकेंगे। कृषि के दायरे को बढाते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी सम्मिलित है। FPO के माध्यम से किसानों में सहकारिता कृषि को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है ताकि छोटे व मध्यम किसान अधिक उत्पादन और आय प्राप्त कर सके।
खाद्य व पोषण सुरक्षा के लिए कटिबद्धता :-
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक वर्ष के लिए बढाते हुए 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज वितरण हेतु 2 लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।
अन्नदाता हेतु ‘श्रीअन्न’ योजना प्रारम्भ की जा रही है। प्रधानमंत्री भारत को मोटे अनाज का वैश्विक केन्द्र बनाने चाहते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में हम विश्व के प्रथम उत्पादक व द्वितीय सबसे बड़े निर्यातक हैं।
एमएसएमई :-
क्रेडिट सहायता हेतु 9 हजार करोड़ आवंटित किया गया। देर से भुगतान, व्यापार संवर्द्धन जिसमें अनुसंधान को महत्व दिया गया है एवं संविदाओं के निष्पादन करने में विफल होने पर निष्पादन सुरक्षा बाण्ड की जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत भाग सरकार द्वारा वापस किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण :- महिलाओें की सामाजिक सुरक्षा व अधिकार के प्रति प्रधानमंत्री निरन्तर सजग रहे हैं। जहां एक ओर शक्त कानून बनाये गये हैं वहीं स्वस्थ महिला हेतु अनेकों योजनायें लागू की गईं। बजट 2023 में दो वर्षों के लिए 7.5 प्रतिशत के आकर्षिक ब्याज दर वाली ‘महिला सम्मान बचत-पत्र योजना शुरू की गई है जिससे घरेलू महिलायें सशक्त होगी। भ्रुण हत्या, बाल विवाह, महिला शिक्षा और मातृ मृत्युदर-शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए और सतत प्रयास किए जायेगे। देश के 81 लाख स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उत्पादक उद्यमों को आर्थिक प्रोत्साहन बढाया गया है।
अनुसूचित जाति-जनजाति :-
740 एकलव्य विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे 3.5 लाख आदिवासी बच्चों की बेहतर शिक्षा हेतु 39 हजार शिक्षकों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।
वरिष्ठ नागरिकों हेतु बचत योजना की अधिकतम सीमा 15 से बढाकर 30 लाख की गई।
विश्वकर्मा एवं कामगार :- विश्वकर्मा कौशल सम्मान सहित समाज के विभिन्न कामगारों, वर्गों और क्षेत्रों जैसे पूर्वोत्तर प्रदेश व अनुसूचित जनजाति-जनजाति क्षेत्रों के लिए अनेक योजनायें लागू की जायेंगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के बजट परिव्यय में 172 प्रतिशत की वृद्धि की गई है इसी प्रकार 112 आकांक्षी जिलों के विकास के लिए पिछले वर्ष से 10 हजार करोड़ अधिक बजट रखा गया है।
‘इज ऑफ लिविंग’ हेतु भी 10 हजार करोड़ अतिरिक्त आवंटित है।
हरित विकास :-
2030 तक भारत कार्बन प्रदूषण को 40 प्रतिशत कम करने हेतु सरकार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन लेकर आयी है। वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन पर विशेष जोर दिया गया है जिसके लिए लगभग 20 हजार करोड़ रुपये प्रावधानित है। सरकार का 2030 तक पांच एमएमटी बिजली उत्पादन लक्ष्य है।
शिक्षा और युवा को कौशल बनाना :- नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत कौशल विकास को विशेष महत्व दिया गया है जिसके द्वारा अगले तीन वर्षों में लाखों युवा कुशल बनाये जायेंगे। बच्चों के लिए डीजिटल पुस्तकालय, अच्छी शिक्षा के लिए अध्यापकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में 1 लाख 12 हजार करोड़ का व्यय का लक्ष्य है।
युवाशक्ति :- 21 वीं सदी के युवाओं की क्षमताओं को उन्मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री ने ज्ञान एवं टेक्नोलॉजी आधारित विकास पर बल दिया है। इस क्रम में उन्होंने Make Artificial Intelligence in India & Make Artificial work for India जैसा आह्वान किया है जिसके लिए तीन सेण्टर्स ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जायेंगे। 5 जी सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए 100 प्रयोगशालायें स्थापित की जायेंगी। डाटा स्टोरेज के लिए डिग्गी लॉकर्स आदि को प्रोत्साहित किया गया है।
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत :- व्यक्तिगत आयकर में 7 लाख की आय को करमुक्त कर जहां एक ओर लोगों के हाथ में अधिक से अधिक धनराशि लाने का प्रयास है वहीं उसमें पूर्ण लचीलापन और सरलता लायी गई है।
उत्तर प्रदेश एवं प्रयागराज के लिए सौगात :-
बजट 2023 में उत्तर प्रदेश को विशेष लाभ हुआ है। केन्द्रीय कर में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 37 हजार करोड़ बढ़कर 1 लाख 83 हजार करोड़ हो गई है। इसी प्रकार कैपेक्स में विशेष सहयोग के अन्तर्गत केन्द्रीय बजट पूंजीगत व्यय 30 प्रतिशत बढा है जिससे उत्तर प्रदेश को का 50 वर्षों के लिए लगभग 14 हजार करोड़ रुपयों का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध होगा। ग्रामीण आवास योजना में 66 प्रतिशत की बढोतरी का सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा। उत्तर प्रदेश के लिए सांस्कृतिक,आध्यात्मिक एवं धार्मिक विरासत को विकसित करने के लिए केन्द्रीय बजट में सड़क निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपये प्रावधानित किए हैं।
इसी क्रम में मिर्जापुर नगर को मां विन्द्यवासनी, मां अष्टभूजी देवी मंदिर तथा काली कोह मंदिर के सौन्दर्यकरण के लिए 50 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
प्रयागराज में भजन संध्या स्थल तथा वैद विज्ञान ज्ञान केन्द्र, नेमीशारण्य में स्थापित किए जायेंगे।
अयोध्या, वाराणसी, चित्रकुट, विंद्यान्चल, प्रयागराज, नेमीशारण्य, गोरखपुर, मथुरा व बट्टेश्वर धाम जैसे धार्मिक पर्यटन स्थलों में विभिन्न कार्य गतिमान हैं।
प्रयागराज कुम्भनगरी है। 2019 में केन्द्र व प्रदेश सरकार ने मिलकर इसकी कायापलट की थी महाकुम्भ 2025 की तैयारियां जोरशोर से चल रही है, इसमें केन्द्रीय बजट में केवल रेलवे विभाग को 204 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चरल विकास के लिए आवंटित किए हैं जिसमें मेरी लोकसभा में लगभग 112 करोड़ खर्च किए जायेंगे। एनएचएआई द्वारा प्रयागराज में 68 किलोमीटर रिंग रोड पर तेजी से काम चल रहा है।
कोविड की महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को झकझोर दिया था। अमरीका, यूरोप, चीन, जापान जैसे देश भी डगमगा गये परन्तु भारत के यश्स्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में न केवल हमने कोविड को हराया बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को स्टेबल रखा। विश्व का सबसे बड़ा अन्न वितरण एवं वैक्सीन कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू किया। हमारे पड़ोसियों की अर्थव्यवस्था घुटने टेक चुकी है। उन्हें विश्व की कोई एजेंसी ऋण नहीं दे रही है वहीं टाटा द्वारा 500 विमान की ऐतिहासिक खरीद के बाद अमरीका, फ्रांस और इंग्लैण्ड ने भारत के प्रधान मंत्री मोदी जी को उनके देशों में लाखों रोजगार श्रृजन का रास्ता खोलने के लिए धन्यवाद दिया है। आज विश्व की कम्पनियां भारत में निवेश करना चाह रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोबल इन्वेटस्टर मीट में 33 लाख करोड़ निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। विश्व की बड़ी-बड़ी कम्पनियां, शैक्षिक संस्थान आदि भारत में आना चाह रहे हैं। विगत 9 वर्षों में देश ने अभूतपूर्व प्रगति देखी है। अब प्रधान मंत्री की देश की प्रगति केवल कूटनीति नहीं बल्कि सुदृढ अर्थव्यवस्था पर निर्भर होती है। जी 20 की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री जी का प्रयास है कि विश्व बन्धुत्व के आधार पर सभी राष्ट्र बेहतर आर्थिक प्रगति की ओर अग्रसर हों।
रूस-युक्रेन युद्ध के संदर्भ में प्रधानमंत्री का विश्व को यह संदेश कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं है। लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति ही एक रास्ता है’ जिस पर आगे बढते हुए भारत विश्व की श्रेष्ठ अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विभवनाथ भारती ने करते हुए मोदी सरकार व सासंद का आभार जताया। संचालन जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर राजेश शुक्ला,राजेश्वरी तिवारी,अशोक पांडेय,कुंज विहारी मिश्रा,देवेस सिंह,सतीश विश्वकर्मा,संजय गौतम,अमरेश तिवारी आदि रहे।