क्रांतिकारी वीर सावरकर एवं चंद्रशेखर आजाद जी को दी गई श्रद्धांजलि
क्रांति की मशाल की धधकती हुई ज्वाला थे चंद्रशेखर आजाद और राष्ट्रवाद के पर्याय थे वीर सावरकर ( राजेश केसरवानी)
26 फरवरी प्रयागराज अमर क्रांतिकारी श्रद्धांजलि ग्रुप के तत्वाधान में महान क्रांतिकारी वीर सावरकर की 57वीं पुण्यतिथि एवं अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी के 93वीं बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि ग्रुप के अध्यक्ष राजेश केसरवानी ने कहा कि अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद क्रांति की मशाल की धधकती हुई ज्वाला थे जिसके तेज से अंग्रेजी सरकार थरथर कांपते रहे और 27 फरवरी 1931 को चंद्रशेखर आजाद पार्क (अल्फ्रेड पार्क) प्रयागराज में अंग्रेजों से लड़ते हुए स्वयं को शहीद कर लिया पर अंग्रेजों के हाथ नहीं आए और कहा कि वीर सावरकर मां भारती के महान सपूत स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले राष्ट्रवाद के पर्याय थे और जीवन के अंतिम समय तक राष्ट्र के लिए समर्पित रहे
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक अभिलाष केसरवानी जी रहे
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों
शत्रुघ्न जायसवाल,अजय अग्रहरि,विजय कृष्ण मेहता, हरीश तिवारी, राजेश शर्मा, सचिन गुप्ता,सुमित केसरवानी, शिवांश भार्गव, नीरज केसरवानी ,गोपाल जी पाठक, पद्माकर श्रीवास्तव, सुमित कुमार ,राजेश शर्मा, प्रकाश कुमार, श्रवण गुप्ता, आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की