पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुष ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ है उनका अनूसरण मानव के लिए है-अभिषेक कष्णम् व्यास

पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुष ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ है उनका अनूसरण मानव के लिए है-अभिषेक कष्णम् व्यास

विश्वकल्याण दिवस के रूप मे 1 जनवरी को दीन दुःखी गरीबो की सेवा करके मनाए-अभिषेक कृष्णम महराज

श्रीराम कथा श्रवण कर क्षेत्रवासियों ने अग्रेजीं नववर्ष का प्रथम दिवस मनाया

प्रयागराज। संगीतमय श्री राम कथा के आठवें दिन नारीबारी में रविवार को कथा व्यास आचार्य पं.अभिषेक कृष्णम् हरिकिंकर जी ने भगवान विष्णु के अवतार श्री राम की कथा का वर्णन करते हुए कहा रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में लिखा है कि भगवान श्री राम में वैदिक सनातन धर्म की आत्मा कहे जाने वाले सभी गुण विद्यमान है। भगवान राम को पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुष अर्थात् ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ भी कहा जाता है।
महर्षि वाल्मीकि ने श्रीराम से कहा आओ राम आपका स्वागत है। आप तो त्रिकालदर्शी है आपको सब कुछ पता है आपका पृथ्वी पर अवतार किस लिए हुआ है। फिर भी भगवान के पूछने पर महर्षि वाल्मीकि ने श्रीराम के निवास हेतू चौदह स्थान बताए। फिर कहते है चित्रकूट गिरि करहु निवासू, तहँ तुम्हार सब भाँति सुपासू।सैलु सुहावन कानन चारू, करि केहरि मृग बिहग बिहारू।
आचार्य अभिषेक कृष्णम् ने उपरोक्त चौपाई का अर्थ बताया कि आप चित्रकूट पर्वत पर निवास कीजिए, वहाँ आपके लिए सब प्रकार की सुविधा है। सुहावना पर्वत है और सुंदर वन है। वह हाथी, सिंह, हिरन और पक्षियों का विहार स्थल है। अभिषेक कृष्णम् ने कहा हमारा नववर्ष चैत्र मास के नवरात्रि के पहले दिन शुरू होता जो माँ के चरित्र का निर्माण करती है। प्रतिपदा को व्रत उपवास चरित्र का निर्माण करने वाला चारो तरफ पीताम्बर पृथ्वी दिखने लगे तब हमारा नववर्ष होता है। सच्चे सनातनी विश्वकल्याण दिवस के रूप मे 1 जनवरी को मनाते हुए दीन दुःखी गरीबो की सेवा करके मनाते है।आप सब भी गरीबो की सेवा करके मनाए। लेकिन वसुधैव कुटुम्बकम् सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है।इसका अर्थ है- धरती ही परिवार है इस विचारधारा को स्वीकार कर शुभकामनाएं देना तक तो कुछ ठीक है।लेकिन इसके आड़ मे इधर-उधर खाना-पीना गलत है। इसी लिए हम लोग चैत्र के प्रतिपदा को उपवास का पालन कर शक्ति की देवी माँ दुर्गा की आराधना करते है। आचार्य पं.राजीव तिवारी रहे। संगीतमय कथा टीम के हेमंत ब्रजवासी,महेश जी,जगदीश जी आदि ने भक्ति गीतो से समा बाधं सभी को ताली बजाकर झुमाकर मंत्रमुग्ध कर दिए। भक्तों ने आरती में सम्मिलित होकर प्रसाद लेकर घरो को प्रस्थान किया। कृष्णा लाईव द्धारा प्रसारण किया गया। मुख्य यज्ञमान रामबाबू केसरवानी सपत्नीक रहे। कथा मे मुख्यरूप से बाबा बैजनाथ केसरवानी, राकेश केसरवानी,पिंटू केसरवानी,दिवाकर साहू, सूर्य कांत शुक्ला,दिलीप कुमार चतुर्वेदी,रमेश सोनी,केदार चौरसिया,घनश्याम चतुर्वेदी,साक्षी आदि के साथ भारी सख्यां मे क्षेत्रवासी नर-नारी कथा श्रवण करने उपस्थित रहे।

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