प्रयागराज में सुन्नी बरेलवी और वहाबी से मुनाजरा हुआ
मौलाना आलम के सामने वहाबी का मुनाजिर मुफ्ती उमैर मुनाजरे से भगा सुन्नी उल्मा के सामने आज तक कोई वहाबी टिक ना सका मूनज़रे का आगाज़ शुरू
सलातो सलाम के जायज और नाजायज होने के संबंध मे तंजीम जमात रजा ए मुस्तफा बरेली शरीफ के ओलमा ए यमुनापार और वहाबियों के माबैन मुनाजरा हुआ। जिसमें वहाबियों का मुनाजिर मुफ्ती उमैर कासमी सलातो सलाम को नाजायज साबित नहीं कर सका। और ना ही अपना ईमान साबित कर सका। बिला आखिर वहाबी मैदाने मुनाजरा छोड़ कर राहे फरार इख्तियार कर लिया। गांव और अतराफ के लोगो ने मसलक ए आला हजरत का नारा बुलंद करके जमात रजा ए मुस्तफा ओलमा ए यमुनापार को मुबारकबाद पेश की और दुआओं से नवाज़ा। जिसमे मुनाजिर अहले सुन्नत हजरत अल्लामा कमालुद्दीन अकमल नूरी , मुफ्ती असद शफीकी, कारी इसराइल, कारी गुलाम रसूल, कारी शमसे आजम, मौलाना अफरोज, मौलाना शाहनवाज, मौलाना अशफाक, मौलाना सैफुल्लाह अलीमी, और दीगर ओलमा ए किराम मौजूद रहे। और जेरे सदारत व सरपरस्ती कारी सरताज आलम व कारी अब्दुल रशीद ऊंचगांव व इलाके के जिम्मेदारान की मौजूदिगी में मुनाजरा मुकम्मल हुआ। सलातो सलाम पढ़ कर अल्लाह की बारगाह में अमन और शांति की दुआ की गई।