बाल रंग कार्यशाला में अभिनय की बारीकियों से रूबरू हो रहें है बच्चे
बाल रंग कार्यशाला से बहुजन संस्कृति को पुनर्जीवित करने की कोशिश
प्रस्तुतिपरक शीतकालीन बहुजन बाल रंग कार्यशाला का हुआ आगाज
प्रयागराज 02 जनवरी, प्रबुद्ध फाउंडेशन और राष्ट्रीय शिशु विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर 07 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के लिए एक 15 दिवसीय प्रस्तुतीपरक शीतकालीन बहुजन बाल रंग कार्यशाला का शुभारंभ मम्फोर्डगंज स्थित राष्ट्रीय शिशु विद्यालय में दोपहर से किया गया। इस प्रस्तुतिपरक बाल रंग कार्यशाला में मंफोर्डगंज स्थित राष्ट्रीय शिशु विद्यालय के साथ डीपी गर्ल्स इंटर कालेज और मेरी वाना मेकर इंटर कालेज के लगभग 50 बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रतिभागी बच्चों को नृत्य, नाटक व गायन की विविध कला आयामो के विषय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यशाला के संयोजक रंगकर्मी रंगनिर्देशक आईपी रामबृज ने बताया कि नृत्य, नाटक व गायन में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत बच्चे अपनी अपनी रंगारंग प्रस्तुति 15 जनवरी को राष्ट्रीय शिशु विद्यालय में या उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रेक्षागृह देंगे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य एलके अहेरवार ने बताया कि सुविधाविहीन बहुजन समाज के बच्चों को उचित मंच नहीं मिल पाता, नामी गिनामी सांस्कृतिक मंच भी बहुजन समाज के बच्चों पर ध्यान न देकर पहले से ही कुछ न कुछ पारंगत बाल कलाकारों को ही मंच प्रदान करते है जबकि रंगमंच की विभिन्न विधाओं की उत्पत्ति ग्रासरुट समाज से ही माना जाता है।
प्रबुद्ध फाउंडेशन के प्रबंधक/सचिव रंगकर्मी रंग निर्देशक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने बताया कि भले ही बहुजन समाज को राजनैतिक बराबरी मिल चुकी है लेकिन सामाजिक सांस्कृतिक बराबरी से बहुजन समाज बहुत दूर है। बहुजन समाज का तथाकथित शिक्षित वर्ग भी इस सामाजिक असमानता के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। स्वार्थी लोगों ने समानता प्रदान करने वाली बहुजन संस्कृति का विनाश किया है जिसे पुनर्जीवित एवं मजबूत करने की जरूरत है तथा इस दिशा में प्रबुद्ध फ़ाउण्डेशन एक मजबूत कड़ी के रूप में कार्य कर रहा है।
मम्फोर्डगंज स्थित शिशु मंदिर के प्रबंन्धक अजय भारती ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में रहते हुए बहुजन समाज के बच्चों में निहित नैसर्गिक प्रतिभा पर खुशी जाहिर करते हुए उनके साहस एवं हिम्मत की सराहना की। दूर दराज इलाकों से भी बच्चे इस पड़ रही भीषण ठण्ड में भी दोपहर 02 बजे से अपराह्न 05 बजे तक यानी पूरे तीन घण्टे प्रतिदिन कार्यशाला में ठण्ड से लड़ते हुए रंगमंच की विभिन्न विधाओं की दुनिया से बच्चे सराबोर होंगे।
प्रतिभागी बच्चों में रीत सिंह, तनु सिंह, अंश केशरवानी, ग्रन्थ केसरवानी, तनु जायसवाल, शगुन जायसवाल, अंतरा पटेल, जिज्ञासा पटेल, नैना यादव, जोया अली शेख, अंशिका शर्मा, अनुपम शर्मा, कार्तिक पाल, अंशु पाल, पूर्वी गौड़, माही धुरिया, प्रेम प्रजापति, अमन भारतिया, शिवम सरोज, अंबिका, संजना, चाहत, प्रियांशु, प्रियंका, सोनाली, गौरी, शालू, महक सहित पचासों बच्चे शामिल हुये।