मानवाधिकार प्रकृति प्रदत्त अधिकार है-अजीत भाष्कर
10 दिसंबर 2022
एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में विश्व मानवाधिकार दिवस सिविल लाईन कार्यालय पर मनाया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट हाईकोर्ट श्री अजीत भाष्कर जी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा-पत्र स्वीकार किया था। तब से प्रत्येक वर्ष विश्व में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। मानवाधिकार, किसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार है। इसलिए संपूर्ण विश्व में मानवीय अधिकारों को पहचान देने और वजूद को अस्तित्व में लाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। संपूर्ण विश्व में हो रहे जुल्मों-सितम को रोकने, उसके खिलाफ संघर्ष को नई आवाज देने में इस दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम सभी को इन अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। साथ ही हमें सभी के अधिकारों के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए तथा मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
आगे श्री भाष्कर ने कहा कि भारत में मानवाधिकार से सम्बन्धित प्रमुख चुनौतियां, नस्लीय एवं जातीय भेदभाव, महिला एवं बाल शोषण, दलित अत्याचार प्रमुख है। समाज मे स्त्री और पुरुष दोनों होते है, जो कहीं भी जन्म लेकर कोई भी भाषा बोल सकते हैं और ससम्मान जीवन जी सकते हैं जोकि एक प्रकृति द्वारा प्रदत्त अधिकार होता है।
इस अवसर पर श्री भाष्कर जी ने कहा कि आगामी इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में साफ-सुथरी छवि के ऐसे अधिवक्ता जो आम अधिवक्ताओं के हित के लिए संघर्षरत हैं उन्हीं को वोट देकर बार को सशक्त बनाएं।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अजीत भाष्कर जी के अलावा चंद्र प्रकाश निगम, रूपेंद्र नाथ सिंह, प्यारे मोहन पटेल, रतन चंद्र वर्मा, सन्तोष यादव, शमीमुद्दीन खान, बाल मुकंद कुशवाहा, मनोज कुमार, सुधीर भारती, एसपी सरोज,चंद्रशेखर, अली अहमद, अनिल यादव, श्याम पाल, विष्णु भगवान, शिव शंकर कैथल के सात एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।