ज्वाला देवी गंगापुरी में धूमधाम पूर्वक मनाई गई गुरू गोविंद सिंह जी की जयंती

ज्वाला देवी गंगापुरी में धूमधाम पूर्वक मनाई गई गुरू गोविंद सिंह जी की जयंती
प्रयागराज: ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज गंगापुरी रसूलाबाद प्रयागराज में आज दिनांक 28/12/2022को गुरू गोविन्द सिंह जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र ,व्यवस्था प्रमुख जनार्दन प्रसाद दुबे एवं कार्यक्रम प्रमुख संदीप मिश्र ने गुरु गोविंद सिंह के चित्र पर दीपार्चन व पुष्पार्चन कर किया।
कार्यक्रम प्रमुख आचार्य संदीप मिश्र ने गुरु गोविंद सिंह जी के विषय में बताते हुए कहा कि सिख समुदाय के इतिहास में गुरु गोविंद जी बहुत कुछ नया ले कर आए। उन्होंने सन 1699 में बैसाखी के दिन खालसा जो की सिख धर्म के विधिवत् दीक्षा प्राप्त अनुयायियों का एक सामूहिक रूप है उसका निर्माण किया।सिख समुदाय के एक सभा में उन्होंने सबके सामने पूछा – कौन अपने सर का बलिदान देना चाहता है? उसी समय एक स्वयंसेवक इस बात के लिए राज़ी हो गया और गुरु गोबिंद सिंह उसे तम्बू में ले गए और कुछ देर बाद वापस लौटे एक खून लगे हुए तलवार के साथ। गुरु ने दोबारा उस भीड़ के लोगों से वही सवाल दोबारा पुछा और उसी प्रकार एक और व्यक्ति राज़ी हुआ और उनके साथ गया पर वे तम्बू से जब बहार निकले तो खून से सना तलवार उनके हाथ में था। उसी प्रकार पांचवा स्वयंसेवक जब उनके साथ तम्बू के भीतर गया, कुछ देर बाद गुरु गोबिंद सिंह सभी जीवित सेवकों के साथ वापस लौटे और उन्होंने उन्हें पंज प्यारे या पहले खालसा का नाम दिया।
उसके बाद गुरु गोबिंद जी ने एक लोहे का कटोरा लिया और उसमें पानी और चीनी मिला कर दुधारी तलवार से घोल कर अमृत का नाम दिया। पहले 5 खालसा के बनाने के बाद उन्हें छठवां खालसा का नाम दिया गया जिसके बाद उनका नाम गुरु गोबिंद राय से गुरु गोबिंद सिंह रख दिया गया। उन्होंने पांच ककारों का महत्व खालसा के लिए समझाया और कहा – केश, कंघा, कड़ा, किरपान, कच्चेरा।
27 दिसम्बर सन्‌ 1704 को दोनों छोटे साहिबजादे और जोरावर सिंह व फतेह सिंहजी को दीवारों में चुनवा दिया गया। जब यह हाल गुरुजी को पता चला तो उन्होंने औरंगजेब को एक जफरनामा (विजय की चिट्ठी) लिखा, जिसमें उन्होंने औरगंजेब को चेतावनी दी कि तेरा साम्राज्य नष्ट करने के लिए खालसा पंथ तैयार हो गया है।
इस अवसर पर भैया प्रखर पाण्डेय, शिवांश त्रिपाठी, ऋषि कांत पाण्डेय, अम्बरीष पाण्डेय व अनुभव मिश्र ने पंच प्यारे का रूप धारण किया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र जी ने सभी भैया बहनों को कार्यक्रम की उपादेयता बताते हुए सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं दी तथा इस सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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