ज्वाला देवी में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर सम्पन्न हुई राम रुप सज्जा प्रतियोगिता

ज्वाला देवी में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर सम्पन्न हुई राम रुप सज्जा प्रतियोगिता
प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज सिविल लाइंस प्रयागराज के मीडिया प्रभारी श्री सरोज दुबे जी की विज्ञप्ति के अनुसार दिनांक 23.03.2023 को चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन विद्यालय के विशाल सभागार में राम रुप सज्जा प्रतियोगिता का अयोजन किया गया जिसमें कक्षा षष्ठ से लेकर द्वादश तक लगभभ 230 छात्र-छात्राओं ने राम रुप धारण कर प्रभु श्रीराम की सुन्दर झाँकी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रयागराज के प्रतिष्ठित व्यवसायी मा0 दिलीप चैरासिया जी, अध्यक्ष के रुप में काशी प्रान्त के प्रदेश निरीक्षक मा0 रामजी सिंह जी तथा विशिष्ट अतिथि के रुप मंे काशी प्रान्त के प्रान्त संगठन मंत्री डा0 राम मनोहर जी, विद्यालय के अध्यक्ष श्री च्वयन भार्गव जी, प्रबन्धक डा0 संजय सिंह जी एवं विद्यालय के कोषाध्यक्ष श्री सुरेशचन्द्र चन्द्र श्रीवास्तव जी उपस्थित रहंे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मा0 अतिथिगणों के द्वारा प्रभु श्रीराम की प्रतिमा के सम्मुख दीपार्चन एवं पुष्पार्चन से हुआ। तत्पश्चात् विद्यालय में हिन्दी विषय के आचार्य श्री सरोज दुबे जी ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी प्रस्तुत करते हुये कहा कि भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। महर्षि वाल्मीकि एवं तुलसीदास जी के द्वारा रचित रामायण एवं रामचरित मानस के बाल काण्ड में श्रीराम के जन्म का वर्णन किया गया। श्रीराम का जन्म लगभग 5100 ई0 पूर्व बताया जाता है। भगवान राम को विष्णु का अवतार माना जाता है। धरती पर असुरों का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में श्रीराम के रूप में मानव अवतार लिया था। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कष्ट सहते हुए भी मर्यादित जीवन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विपरीत परिस्थियों में भी अपने आदर्शों को नहीं त्यागा और मर्यादा में रहते हुए जीवन व्यतीत किया। इसलिए उन्हें उत्तम पुरुष का स्थान दिया गया है। इसी क्रम में मा0 अतिथिगणों द्वारा उपस्थित राम रुप झाँकी पर वेदद्ध्वनि के साथ पुष्पवर्षा की गई। तत्पश्चात् लव एवं कुश की झाॅकी प्रस्तुत करने वाली बहिन आयुषी तिवारी एवं साक्षी तिवारी ने प्रभु श्रीराम की कथा अपने मधुर वाणी में गीत के माध्यम से प्रस्तुत की। इसके बाद बहिन अपूर्वा पटेल ने सुन्दर राम भजन प्रस्तुत किया तत्पश्चात् राम रुप झाँकी एवं माॅ दुर्गा की उपस्थित जनों द्वारा आरती की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मा0 प्रदेश निरीक्षक जी ने सभी को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज यहाॅ पर उपस्थित होकर मैं अपने आप को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूॅ। भगवान राम का प्राकट्य पृथ्वी पर मर्यादा स्थापित करने के लिए हुआ है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है जिन भैया बहिनों ने आज यहाॅ पर राम रुप की झाॅकी प्रस्तुत की है वे सभी भगवान राम के गुणों (धैर्यता, साहस, निर्भिकता, मातृ-पितृ एवं गुरु भक्त) को अपने अन्दर निश्चित रुप से आत्मसात् करेगे। काशी प्रान्त के संगठन मंत्री डा0 राम मनोहर जी ने कहा कि भगवान राम, जिसे रामचन्द्र के नाम से भी संबोधित किया जाता है। वो अपने आदर्श गुणों के लिए जाने जाते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जी ने हिन्दू नववर्ष की शुभकामायें देते हुये इस कार्यक्रम के अयोजन के लिए सभी भैया बहिनों एवं आचार्य बन्धु भगिनी को साधुवाद दिया। इसी क्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री विक्रम बहादुर सिंह परिहार जी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम श्री हरि विष्णु के दस अवतारो में से सातवें अवतार थे। बारह कलाओं के स्वामी श्रीराम का जन्म लोक कल्याण और जनमानस के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करने के लिए हुआ था। श्रीराम को हिन्दू धर्म के महानतम देवताओं की श्रेणी में गिना जाता है। वे करुणा, त्याग और समर्पण की मूर्ति माने जाते है, साथ ही उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम को मनाने का उद्देश्य की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब हम प्रभु राम के आदर्शों को अपने अन्दर आत्मसात् करंे। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के परीक्षा प्रमुख श्री सुरेशचन्द्र त्रिपाठी जी ने सभी का आभार ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री हरेकृष्ण त्रिपाठी एवं सुश्री मनीषा राय जी के द्वारा किया गया। यह सम्पूर्ण कार्यक्रम श्री ब्रह्मनारायण तिवारी एवं हिन्दी विभाग के आचार्यो की देखरेख में सम्पन्न हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *